Shrimadhopur
श्रीमाधोपुर ने किया 252वें वर्ष में प्रवेश
भास्कर न्यूजत्नश्रीमाधोपुर.
कस्बा मंगलवार को 252वें वर्ष में प्रवेश करेगा। 18वीं सदी के पूर्वाद्र्ध वैशाख शुक्ल तृतीय (अक्षया तृतीया) को श्रीमाधोपुर की स्थापना की थी। 1945 में नगरपालिका की स्थापना हुई। श्रीमाधोपुर नगर के संस्थापक खुशहालीराम बोहरा थे।
कस्बे का नामकरण बोहरा ने जयपुर महाराजा माधवसिंह के नाम पर पदवी को आधार मानते हुए श्रीमाधोपुर किया। नगर में सर्वप्रथम संवत 1820 में गढ़ की नींव व श्रीगोपीनाथ मंदिर, चौपड़ में शिव मंदिर एवं पंडित कुशालीराम मिश्र की हवेली का निर्माण हुआ। 1907 में बनी फुलेरा-रेवाड़ी रेल लाइन से कस्बा जुड़ा तथा समय के साथ-साथ नगर विकास की गति भी बढ़ती गई। सन 1889 में खटोड़ा पाठशाला से शुरू हुए शिक्षा के सफर में आज आधा दर्जन से ज्यादा निजी महाविद्यालय, एक राजकीय संस्कृत महाविद्यालय कस्बे में शिक्षा की अलख जगा रहे है।
कस्बे में स्थापित रोडवेज डिपो ने श्रीमाधोपुर को परिवहन की दृष्टि में सुदृढ़ किया। नगर में कृषि उपज मंडी की स्थापना व्यापार के लिए मील का पत्थर बनी और व्यापारिक दृष्टिकोण को नई ऊंचाइयां प्रदान की। चिकित्सा क्षेत्र में कस्बे में राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के साथ-साथ दर्जनों निजी चिकित्सालय अपनी सेवाएं दे रहे है।
कब हुई स्थापना
सन 1761 को
किसने की
जयपुर के तत्कालीन महाराजा माधव सिंह के प्रधान दीवान नोपपुरा निवासी खुशालीराम बोहरा ने
कस्बे की जनसंख्या
31 हजार